छह महिला सांसदों की फोटो ट्विटर पर पोस्ट कर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा को बताया आकर्षक जगह।

  • इसमें एनसीपी के प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी शामिल।
  • 65 वर्ष की उम्र में भी आदत से मजबूर है शशि थरूर।

अजमेर (एस.पी.मित्तल) : कहा तो यही जाता है कि उम्र के हिसाब से व्यक्ति सीखता भी है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि 65 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी आदतों से मजबूर हैं। 29 नवंबर को शशि थरूर ने 6 महिला सांसदों के साथ स्वयं का सेल्फी नुमा फोटो ट्विटर पर पोस्ट किया है। इसका फोटो कैप्शन है-कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक जगह नहीं है?


शशि थरूर ने किस मानसिकता से इस फोटो को पोस्ट किया है, यह तो वे ही जाने, लेकिन इन 6 महिला सांसदों में राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी शामिल हैं। इसके अलावा परनीत कौर, थमीजाची थंगापंडियन, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां और ज्योतिमणि भी हैं। हालांकि अभी शरद पवार से लेकर सभी 6 महिलाओं की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद शशि थरूर ने यह फोटो हटा लिया है। थरूर ने भले ही यह फोटो हटा लिया हो, लेकिन फोटो को पोस्ट करने से थरूर की मानसिकता तो जाहिर होती ही है।


सब जानते हैं कि थरूर पर अपनी तीसरी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या का आरोप भी लग चुका है। शशि थरूर की रंगीन मिजाजी के किस्से आम हैं, लेकिन इसके बावजूद भी 6 महिला सांसदों ने सेल्फी वाली फोटो खिंचवाने की हिम्मत दिखाई। संभवत: महिला सांसदों की हिम्मत को देखते हुए ही शशि थरूर ने लोकसभा को आकर्षक जगह बता दिया। जबकि संसद को तो लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है। शशि थरूर की सोच लोकतंत्र के मंदिर को लेकर कैसी है, इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है।


एक तरफ नरेंद्र मोदी हैं जो लोकतंत्र के मंदिर की सीढिय़ों पर सिर झुकाते हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस के सांसद शशि थरूर है जो लोकसभा को काम करने के लिए आकर्षक जगह मानते हैं। यदि शशि थरूर कांग्रेस के सांसद नहीं होते तो ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले राहुल गांधी अब तक तीखी प्रतिक्रिया दे देते। राहुल गांधी प्रतिक्रिया दे या नहीं, लेकिन शशि थरूर को अपनी आदतों में सुधार करने की जरूरत है। यह माना कि थरूर शुरू से ही पश्चिमी संस्कृति में पले बढ़े हैं, लेकिन अब थरूर भारत की राजनीति में सक्रिय हैं। थरूर की बुद्धिमता में कोई कमी नहीं है, इस लिए तिरुवनंतपुरम संसदीय क्षेत्र की जनता दो बार से थरूर को ही अपना सांसद चुन रही है। सवाल यह भी ऐसी मानसिकता का प्रदर्शन कर थरूर तिरुवनंतपुरम की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहे हैं?

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